वो आंख बंद हो गई जो हमें हरदम देखती थी
वो गोद छिन गई जिसमें मुंह छुपा के रोते थे
वो हाथ रुक गये जो रोते को सहलाते थे
वो आंख बंद हो गई जो हमें हरदम देखती थी
वो आवाज़ खो गई जो प्यार से बुलाती थी
अब जख्म कोई देगा तो कौन मरहम लगायेगा
जब दर्द हमको होगा तो कौन उसे सहलायेगा
जब कोई मुसीबत आयेगी तो कौन हमपे वारेगा
अब कौन उस खुदा से लड़ के आफतें उतारेगा
ऐ खुदा तूने इनसे इनका खु़दा छीन लिया
तूने अपने पास बुला उनका रहनुमा छीन लिया
अब तू उनका ख्याल रखना और इनका भी
तूने इनके सिर से मां का साया जो छीन लिया
मां के बिना जीवन बहुत असह्य हो जाता है,
आशुतोष व सुरेश को हमारी गहरी संवेदना
सुमन
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